Functions of Vigilance Department, Madhya Pradesh Government

Functions of Vigilance Department, Madhya Pradesh Government

Vigilance-Diagram

यहाँ दिए गए निगरानी संवाद रेखा-चित्र में यह दर्शाया गया है कि परिवादों पर किस प्रकार जाँच की कार्रवाई आगे बढ़ती है। आम जनता/जन-प्रतिनिधि इत्यादि परिवाद निगरानी विभाग तथा उसके अधीनस्थ निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, विशेष (निगरानी) इकाई, तकनीकी परीक्षक कोषांग, विद्युत निगरानी पर्षद को भेजते हैं। वे परिवाद सीधे मुख्य मंत्री को भी देते हैं जिन्हें मुख्य मंत्री प्रधान सचिव की कार्रवाई हेतु भेजते हैं। आवश्यकतानुसार प्रधान सचिव, निगरानी, अपने अधीनस्थ उपर्युक्त इकाइयों द्वारा जाँच करवाते हैं।  

प्रधान सचिव, निगरानी द्वारा कई परिवाद प्रशासी विभागों/जिलाधिकारियों/आरक्षी अधीक्षकों एवं प्रमंडलीय आयुक्तों को भी जाँच हेतु सौंपे जाते हैं। उनसे जाँच-प्रतिवेदन प्राप्त होने पर निगरानी विभाग में जाँच-प्रतिवेदनों की गहन समीक्षा की जाती है एवं तदनुसार जाँच के फलाफल के आलोक में संबंधित विभागों द्वारा कार्रवाई सुनिश्चित करायी जाती है। उच्चाधिकारियों के एवं अन्य गंभीर मामलों के जाँच-निष्कर्ष से विभागीय मंत्री-सह-मुख्य मंत्री को अवगत कराया जाता है एवं उनके अन्तिम आदेश को क्रियान्वित किया जाता है। 

निगरानी सचिवालय में वैसे परिवादों की जाँच की जाती है जिसमें सेवकों पर भ्रष्टाचार, सरकारी राशि के गबन अथवा प्रत्यानुपातिक धनार्जन के आरोप लगाये गये हों। परिवादी से प्रथमत: परिवाद की सम्पुष्टि करायी जाती है एवं शपथ-पत्र के साथ गुण-दोष के आधार पर निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, तकनीकी परीक्षक कोषांग, विद्युत निगरानी कोषांग, प्रशासी विभाग, प्रमंडलीय आयुक्तों/जिला पदाधिकारियों को जाँच हेतु भेजा जाता है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने के पश्चात् निगरानी विभाग अपना अभिमत गठित कर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित करता है। वैसे मामले जिसमें फौजदारी मुकदमा दायर करने की बात आती है या प्रत्यानुपातिक धनार्जन का मामला बनता है तो इस संबंध में निगरानी थाना कांड दर्ज कर अग्रेतर कार्रवाई की जाती है। 

विद्युत चोरी से संबंधित मामले विद्युत निगरानी कोषांग द्वारा देखा जाता है।

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